UPSC सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है, जिसका दूसरा चरण यानी मुख्य परीक्षा लिखित माध्यम में आयोजित होता है। इस चरण के महत्त्व को इस बात से आँक सकते हैं कि यह 1750 अंकों का है, जो मेरिट निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका में होता है। इस दृष्टि से प्रभावी लेखन महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए यह लेख ‘लेखन’ को प्रभावी बनाने से संबंधित है। लेखन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए चर्चा की है देश की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान संस्कृति IAS Coaching के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अखिल मूर्ति सर से।
सर से पूछा कि UPSC सिविल सेवा की तैयारी में उत्तर लेखन की महत्ता को देखते हुए लेखन को प्रभावी बनाने की रणनीति क्या होनी चाहिए?
सर कहते हैं कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा संतुलन की परीक्षा है। यह परीक्षा न सिर्फ ज्ञान के सहारे उत्तीर्ण की जा सकती है और न ही सिर्फ अभिव्यक्ति के माध्यम से; वह छात्र जो ज्ञान के साथ अभिव्यक्ति में निपुण है उसके लिए परीक्षा पास करना आसान होता है। रोचक यह है कि अभिव्यक्ति और ज्ञान दोनों विकसित किए जा सकते हैं। ज्ञान को अध्ययन से विकसित किया जा सकता है और सर ने अभिव्यक्ति के माध्यम से ‘लेखन को’ प्रभावी करने के टिप्स साझा किए हैं, जो नीचे लिखें हैं-
- लेखन एक कला है, जो अभ्यास से संभव है। नियमित लेखन करें
- शुरुआत में आप बिना डरे लिखना आरम्भ करें
- ज्ञान में वृद्धि करें; चूँकि यह लेखन की पहली शर्त है
- लेखन में सुधारवादी दृष्टिकोण रखें
- भाषा, वाक्य संरचना, वर्तनी की अशुद्धि एवं प्रवाह पर विशेष ध्यान दें
- हर विषय की कुछ तकनीकी शब्दावलियाँ होती हैं; लेखन के क्रम में इनका ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें
- तीव्र लेखन का अभ्यास करें, स्टॉप वाच का प्रयोग करेंगे तो अच्छा होगा
- परीक्षा में आए प्रश्नों का दिए समय में अभ्यास करें
- अपनी बात को कम शब्दों में लिखने की कोशिश करें
- लेखन में सिनाप्सिस, डायग्राम आदि को शामिल करें; आदि
आशा की जाती है कि सर द्वारा दी गई जानकारी निश्चित रूप से छात्रों की तैयारी को प्रभावी करेगी। यदि कोई अभ्यर्थी उक्त टिप्स को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अमल में लाता है तो निश्चित ही उसके सफल होने की सम्भावना कई गुना बढ़ जाएगी।